लेखनी कहानी -04-Apr-2023 परमात्मा की आहट
शीर्षक-परमात्मा की आहट
सुधा की मन की बात
सुधा कक्षा 8 की विद्यार्थी थी। वह बहुत ही सुशील और होशियार लड़की थी। लेकिन वह बहुत ही धीरे-धीरे लिखती थी और जब है बच्चों के साथ खेलती थी तो पीछे रह जाती थी। एक बार की बात है स्कूल में एक बात अनाउंस हुई 8 अप्रैल को दौड़ प्रतियोगिता है सभी को हिस्सा लेना है। इस बात को सुनकर सुधा को बहुत अच्छा लगा लेकिन उसका मन निराश भी हो गया। सुधा ने दौड़ प्रतियोगिता में भाग लिया लेकिन दौड़ मैदान में तैयारी के लिए जाती तो वह सभी से पीछे रह जाती थी और सभी कक्षा के बच्चे उसे चिढ़ाते थे। इस बात से सुधा निराश होकर कक्षा में उदास होकर बैठ गई। और मन ही मन अपने को कोसने लगे मैं सबके जैसी क्यों नहीं हूं। मैं हमेशा क्यों हार जाती हूं और आंखों से नीर बहने लगे। तभी उसके अंदर से एक आवाज आती है सुधा तुम क्यों रोती हो। तुम तो एक बहादुर लड़की हो अपने लक्ष्य को अपना हथियार बना और आगे बढ़। सुधा को ऐसा लगा जैसे परमात्मा की आहट मेरे मन में हुई हो। वह उस आहट को महसूस करके अपने हौसलों को साथ लेकर उड़ान भरी। आखिर में 8 अप्रैल आ गया और सुधा उस दौड़ में पूरी जी जान से दौड़ी। और सुधा को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। इसी के साथ ही सुधा का राज्य स्तर पर चयन हुआ इस तरह सुधा अपनी कमजोरी को अपना अधिकार बनाकर आगे बढ़ती रही और राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल प्राप्त करके जग में अपना नाम किया। तब उसे महसूस हुआ कि परमात्मा हमारे अंदर होता है उसे महसूस करना चाहिए। अपने मन की आवाज हमें हमेशा आगे बढ़ाती है।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा
प्रत्यंगा माहेश्वरी
07-Apr-2023 07:46 AM
👌👌👏💐
Reply
Vedshree
06-Apr-2023 08:16 AM
Very nice
Reply
Natasha
05-Apr-2023 10:34 AM
Nice
Reply